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देव पूजा विधि Part-13 महाकाली, लेखनी, दीपावली पूजन
महाकाली-पूजन
दवात में मौली बाँध, तथा स्वस्तिक बनाकर नीचे लिखा ध्यान करें।
ॐ मसि त्वं लेखनीयुक्ता चित्रागुप्ताशयस्थिता।
सदक्षराणां पत्रो च लेख्यं कुरु सदा मम।।
या मया प्रकृतिः शक्तिýण्डमुण्डविमर्दिनी।
सा पूज्या सर्वदेवैý ह्यस्माकं वरदा भव।।
ॐ श्री महाकाल्यै नमः। पूजन कर नीचे लिखी प्रार्थना करें।
ॐ या कालिका रोगहरा सुवन्द्या वैश्यैः समस्तैव्र्यवहारदक्षैः।
जनैर्जनानां भयहारिणी च सा देवमाता मयि सौख्यदात्राी।।
लेखनी-पूजन
कलम पर मौली बांध कर नीचे लिखा ध्यान करके पूजन करें।
ॐ शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाद्यां जगद्वîापिनीं
वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थितां
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।।
लेखिन्यै नमः। पूजन कर नीचे लिखी प्रार्थना करें।
ॐ कृष्णानने! द्विर्जिी! च चित्रागुप्तकरस्थिते!।
सदक्षराणां पत्रो च लेख्यं कुरु सदा मम।।
बही, वसना आदि में केशर या रोली से स्वस्तिक बनाकर नीचे लिखा ध्यान करके पूजन करें।
ॐ या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या
वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।
ॐ वीणापुस्तकधारिण्यै नमः। पूजनकर नीचे लिखी प्रार्थना करें।
ॐ शारदा शारदाम्भोजवदना वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदाऽस्माकं सन्निधिं सन्निधिं क्रियात्।।
संदूक आदि में सिन्दूर से स्वस्तिक बना, आवाहन करके पूजन करे।
आवाहयामि देव त्वमिहायाहिकृपां कुरु।
कोशं वर्द्धय नित्यं त्वं परिरक्ष सुरेश्वर!।।
प्रार्थना- ॐ धनाध्यक्षाय देवाय नरयानोपवेशिने।
नमस्ते राजराजाय कुबेराय महात्मने।।
तुला तथा मान-पूजन
सिंदूर से स्वस्तिक बनाकर पूजन करें, पýात् नीचे लिखी प्रार्थना करें।
नमस्ते सर्वदेवानां शक्तित्वे सत्यमाश्रिते।
साक्षीभूता जगद्धात्राी निर्मिता विश्वयोनिना।।
दीपावली-पूजन
दीपक जलाकर पात्र में रख, पूजन करके नीचे लिखी प्रार्थना करें।
भो दीप त्वं ब्रह्मरूप अन्धकारनिवारक।
इमां मया कृतां पूजां गृह्णँस्तेजः प्रवर्धय।।
ॐ दीपेभ्यो नमः।। इति।।
नव ग्रहों की नव समिधा
सूर्य = आक
चन्द्र = पलाश
मंगल = खैर (खदिर)
बुध = अपामार्ग
गुरू = पीपल
शुक्र = गूलर
शनि = शमी ( खेजडी)
राहु = सुखी दुर्वा (दूब)
केतू = कुश
नव ग्रहों के लिए इन की समिधाओं से हवन करना चाहिये।
दीपावली, महालक्ष्मी पूजन सामग्री
(1)चौकी पर बिछाने के लिए लाल सफेद कपड़ा
(2) कलश ~1
(3) पंचामृत ( गाय का दूध, दही, मधु, शक्कर, घी )
(4) रोली ,~5० ग्राम
(5)मौली , (नारा) 5० ग्राम
(6)लाल चन्दन ~ 5० ग्राम
(7) यज्ञोपवीत (जनेऊ) ~ 5
(8)गंगाजल ~ आधा लीटर
(9)सिन्दूर ~ 5० ग्राम
(10)लाल फूल ~ 5००ग्राम
(11)फूल माला ~ 5
(12)ईत्र (सुगंध) ~ 1 शीशी
(13)बतासा ~2 किलोग्राम
(14) सिंगार बाॅक्स 1 ( सौभाग्य पेटी)
(15)सुपारी ~ 31
(16)लौंग ,~ 5० ग्राम
(17)इलायची ~ 5० ग्राम
(18)नारियल ~ 2
(19)पंच फल ~ पाॅच प्रकार के
(20)दूर्वा – दूब
(21)पंचमेवा 5०० ग्राम
(22) केसर 1 ग्राम
(23)धूप , अगरबत्ती ~
(24)कर्पूर ~ 5० ग्राम
(25)अष्ट गन्ध चन्दन 5० ग्राम
(26)चावल 5०० ग्राम
(27) पंच रत्न पुड़िया 1
(28)आम के पल्लव 1
(29)पान पत्ते 21
(30)दोने 2 पैकेट
(31) धोती 2
(32) पीली सरसों 50 ग्राम
(33) अबीर, गुलाल 5० ग्राम
(34) बेलपत्र
(35) माचिस
(36)रूई (कपास)
(37)हल्दी पाउडर 5० ग्राम
(38) गुलाब जल
(39) गोमूत्र
(40) मिठाई
(41) चुनरी 2
(42) साड़ी 2
(43) दीप ~11
(44) धान लावा
(45) गन्ने (ईख)
(46) साबूत मूंग
(47) कमल फुल
(48) कमल गट्टा 5० ग्राम
(49) चाँदी के सिक्के
(50) कलम
(51) श्रीगणेश, लक्ष्मी के फोटो
(52) हल्दी गांठे
(53) धनिया साबूत
(54) संतरा
(55) मखाना 5०० ग्राम
(56) तिल तेल
हवन सामग्री प्रमाण =
तिल से आधा चावल तथा चावल से आधा जौ एवं जौ से आधी शक्कर (गुड़) तथा संपूर्ण सामग्री से आधा घी लेकर आपस में मिलाना चाहिये । बाजार में बने बनाये हवन सामग्री को खरीदने से बचना चाहिए।
(1) तिल (काला) 5०० ग्राम
(2) चावल 25०ग्राम
(3) जौ (जव) 125 ग्राम
(4) शक्कर (गुड़) 75 ग्राम
(5) घी 5०० ग्राम
(6) नारियल (विना जल वाला)
(7) आम के लकड़ी 2 किलोग्राम
(8) टोपिया 1
(9) चंदन चूड़ा 1०० ग्राम
(10) देवदार की लकड़ी 500 ग्राम
(11) नवग्रह लकड़ी
नव ग्रहों की नव समिधा
सूर्य = आक
चन्द्र = पलाश
मंगल = खैर (खदिर)
बुध = अपामार्ग
गुरू = पीपल
शुक्र = गूलर
शनि = शमी ( खेजडी)
राहु = सुखी दुर्वा (दूब)
केतू = कुश
नव ग्रहों के लिए इन की समिधाओं से हवन करना चाहिये।
(12) गुगल 2०० ग्राम
(13) हवन कुंड, स्रुब