वर्ल्ड वेजिटेरियन डे : बीमारियों से बचना है तो डाइट में फल-सब्जियां बढ़ा लें

मानव शरीर को काम करने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है। भोजन में मिलने वाले पौष्टिक तत्व से ही मनुष्य का शरीर काम करने के सक्षम बनता है। प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट , विटामिन तथा खनिज लवण जैसे जरूरी तत्वों की पुर्ति भोजन के माध्यम से होती है। इन तत्वों में से किसी भी एक की कमी होने पर मानव शरीर के कुछ अंग कमजोर पड़ सकते है और बीमार बना सकते हैं। मुख्य रूप से भोजन के दो प्रकार होते हैं, शाकाहारी और मांसाहारी। इंसान का शरीर दोनो तरह के भोजन को पचाने की क्षमता रखता है। कुछ लोगों का मानना है कि मांसाहारी भोजन में ज्यादा पोषक तत्व मिलते हैं। लेकिन आपको बता दें कि मांसाहारी भोजन में जो तत्व मांस खाने से मिलता है ठीक वैसे ही शाकाहारी भोजन में शाक-सब्जियों में मिलता है। मांसाहारी भोजन के अपेक्षा शाकाहारी भोजन जल्द पच जाता है। शाकाहारी भोजन अन्य भोजनों की तुलना में ज्यादा फायदेमंद है।

कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि हृदय रोग, कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम करना चाहते हैं तो वेजिटेरियन डाइट लें। खाने में फल-सब्जियों की मात्रा को बढ़ाएं। वायरस के संक्रमण से बचना है तो वेजिटेरियन डाइट ही सेफ विकल्प है। स्वाइन फ्लू से लेकर कोरोना का संक्रमण फैलाने तक में जानवर एक बड़ी कड़ी साबित हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है, पिछले 50 सालों में 70 फीसदी वैश्विक बीमारियां जानवरों के जरिए फैली हैं।

वेजिटेरियन खाना क्यों बेहतर है

  •  वायरल डिसीज का खतरा कम हो जाता है
    दुनियाभर में 90% से ज्यादा मांस फैक्ट्री फार्म से आता है। इन फार्म्स में जानवरों को ठूंस-ठूंसकर रखा जाता है और यहां साफ-सफाई का भी ध्यान नहीं रखा जाता। इस वजह से वायरल डिसीज फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
  • दिल ज्यादा खुश रहता है और बीमार कम होता है
    नॉनवेज के मुकाबले वेजिटेरियन डाइट आपको ज्यादा स्वस्थ रखती है, इस पर रिसर्च की मुहर भी लग चुकी है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित रिसर्च कहती है, हृदय रोगों का खतरा घटाना है तो शाकाहारी खाना खाइए। इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में 44,561 लोगों पर हुई रिसर्च हुई। इसमें सामने आया कि नॉन-वेजिटेरियन के मुकाबले जो लोग वेजिटेरियन डाइट ले रहे थे उनमें हृदय रोगों के कारण हॉस्पिटल में भर्ती करने की आशंका 32 फीसदी तक कम है। इनमें कोलेस्ट्रॉल का लेवल और ब्लड प्रेशर दोनों ही कम था।
  • फल-सब्जियों की मात्रा बढ़ाते हैं तो कैंसर का खतरा घटता है
    अब तक सैकड़ों ऐसी रिसर्च सामने आ चुकी हैं जो कहती हैं, खाने में अगर फल और सब्जियों की मात्रा बढ़ाते हैं तो कैंसर का खतरा कम हो जाता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च के मुताबिक, अगर डाइट से रेड मीट को हटा देते हैं तो कोलोन कैंसर होने का खतरा काफी हद तक घट जाता है।
  • डायबिटीज कंट्रोल करना है तो 50% तक फल-सब्जियां खाएं
    वियतनाम के मेडिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. बिस्वरूप चौधरी कहते हैं, अगर ब्लड शुगर कंट्रोल करना चाहते हैं तो दिनभर की डाइट में 50 फीसदी से ज्यादा फल और सब्जियां लें। इसके बाद ही अनाज शामिल करें। नॉनवेज, अंडा, मछली, मक्खन और रिफाइंड फूड लेने से बचें। ऐसा करते हैं तो ब्लड शुगर काफी हद तक कम किया जा सकता है।                   

दुनियाभर के लोगों को शाकाहारी खाना खाने के लिए प्रेरित करने और इसके फायदे बताने के लिए वर्ल्ड वेजिटेरियन डे की शुरुआत हुई। 1 अक्टूबर 1977 को नॉर्थ अमेरिकन वेजिटेरियन सोसायटी ने यह पहल शुरू की। इस लक्ष्य लोगों को यह भी समझाना था कि वेजिटेरियन डाइट नॉनवेज फूड से ज्यादा हेल्दी है। वेजिटेरियन डाइट बॉडी में अधिक फैट नहीं बढ़ाती और हृदय रोगों का खतरा कम करती है। इसमें मौजूद फायबर और एंटीऑक्सीडेंट्स में कैंसर से लड़ने की क्षमता है।

अगर सभी वेजिटेरियन बन जाएं तो ?

  • 2016 में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस की एक स्टडी आई थी। इसमें कहा गया था कि अगर दुनिया की सारी आबादी मांस छोड़कर सिर्फ शाकाहार खाना खाने लगे तो 2050 तक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 70% तक की कमी आ सकती है।
  • अंदाजन दुनिया में 12 अरब एकड़ जमीन खेती और उससे जुड़े काम में इस्तेमाल होती है। इसमें से भी 68% जमीन जानवरों के लिए इस्तेमाल होती है। अगर सब लोग वेजिटेरियन बन जाएं तो 80% जमीन जानवरों और जंगलों के लिए इस्तेमाल में लाई जाएगी।
  • इससे कार्बन डाय ऑक्साइड की मात्रा कम होगी और क्लाइमेट चेंज से निपटने में मदद मिलेगी। बाकी बची हुई 20% जमीन का इस्तेमाल खेती के लिए हो सकेगा। जबकि, अभी जितनी जमीन पर खेती होती है, उसके एक-तिहाई हिस्से पर जानवरों के लिए चारा उगाया जाता है।

शाकाहारी भोजन हल्का होता है। इसलिए यह अन्य भोजनों की तुलना में जल्दी पच जाता है। शाकाहारी भोजन मस्तिष्क को सचेत रखते हुए उसे बुद्धिमान बनाता है। इस तरह के भोजन करने से व्यक्ति तरोताजा महसूस करता है और अवसादग्रस्त भी कम रहता है। शाकाहारी भोजन के करने से उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ऐसे भोजन में कॉम्लेक्स क्राबोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है और इसके साथ ही शारीरिक स्थूलता भी कम होती है। शाकाहारी भोजन के करने से कई प्रकार के रोगों के होने की संभावना कम हो जाती है। सबसे खास बात यह है कि ऐसे भोजन के सेवन से व्यक्तियों में कई प्रकार के कैंसर रोगों जैसे फेफड़ों का कैंसर, आंत का कैंसर होने की भी संभावना ना के बराबर हो जाती है। कई शोधों में यह भी बात सामने आई है कि शाकाहारी भोजन के करने से स्तन कैंसर का खतरा भी कम होता है। अनाज, फली, फल और सब्जियों में मौजूद रेशे और एंटीऑक्सीडेंट कैंसर को दूर रखने में सहायक होते हैं।

दुनिया भर में, बड़ी संख्या में लोग शाकाहारी जीवन अपना रहे हैं। अब लोग मांस खाने की बजाय अपने जीवनशैली में सब्जियों और फलों का सेवन अधिक करने लगे हैं। शाकाहारी जीवन जीने के कई फायदे हैं।शाकाहारी खाना हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होता है। आप सोच रहे होंगे कि यह सब हम आपको क्यों बता रहे हैं। बता दें कि आज विश्व शाकाहारी दिवस है। दुनियाभर में ऐसे कई लोग हैं जिन्होनें मांस छोड़कर शाकाहारी जीवन को अपना आधार बना लिया है। आज हम आपको बताएंगे कि बॉलीवुड जगत में ऐसे कई हस्तियां हैं जिन्होनें मांस छोड़कर शाकाहारी जीवन अपनाया है।

कंगना रनौत (Kangana Ranaut)ने भी कुछ साल पहले मांस खाना छोड़ दिया था और अब वह शाकाहारी बन चुकी हैं। कंगना रनौत का मानना है कि शाकाहारी भारतीय परंपरा में गहराई से निहित है। वह कहती हैं कि शाकाहारी खाने के कई स्त्रोत हैं। कंगना चाहती हैं कि वह एक नैतिक शाकाहारी बनें, लेकिन उनका काम, जीवनशैली और यात्राएं कभी-कभी ऐसा होने से रोकती हैं।कंगना ने कहा कि मैं शाकाहारी हूं और इससे मेरे जीवन में बहुत अंतर आया। अब मैं बहुत खुश हूँ।”

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) भी शाकाहारी हैं। वह केवल मांस ही नहीं बल्कि शराब और धूम्रपान भी नहीं करते हैं। पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया ने भी उन्हें कई बार शाकाहारी होने के लिए सम्मानित किया है। 

तो आइये हम सब शाकाहार अपनायें एवं मांशाहार से होने वाली विमारियों से अपनों को एवं समाज को बचाने में योगदान करें एवं लोगों को इसके लिए जागरूक करें