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सूर्य नमस्कार करने से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
वायरस से बचाव के लिए इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होना जरूरी है, यही बात अब बच्चों पर भी लागू होती है। इसके लिए वह घर में रहकर सूर्य नमस्कार जरूर करें। आइए जानते हैं सूर्य नमस्कार करने के फायदे क्या हैं
सूर्य नमस्कार हमेशा सूर्य की तरफ मुंह करके करना चाहिए। इससे सूर्य से ऊर्जा भी मिलती है और इम्युनिटी लेवल भी बढ़ता है। शुरुआत में इसे क्षमता अनुसार करें। धीरे-धीरे इसे बढ़ाते जाएं। इसी के साथ सूर्य नमस्कार करने की स्पीड भी बढ़ाएं।
सूर्य नमस्कार करने की विधि :
(01) सर्वप्रथम सूर्याभिमुख खड़े होकर नमस्कार की स्थिति में हाथों को छाती से लगाकर सामने रखें।
(02) श्वास को अंदर भरकर सामने से दोनों हाथों को खोलते हुए पीछे की तरफ ले जायें, दृष्टी आकाश की तरफ हो तथा कमर यथाशक्ति पीछे की तरफ झुकाएं।
(03) श्वास को बाहर निकाल कर हाथों को पीछे से सामने की तरफ झुकाते हुए पैरों के पास जमीन पर टिका दें। यदि हो सके तो हथेलियों को भूमि से स्पर्श करायें तथा सिर को घुटने से लगाने का प्रयास करें।
(04) अब नीचे झुकते हुए हथेलियों को छाती के दोनों ओर टिकाकर रखें। बायाँ पैर उठाकर पीछे भुजंगासन की स्थिति में ले जायें। दायाँ पैर दोनों हाथों के बीच में रहे, घुटना छाती के सामने रहे तथा पैर की एड़ी भूमि पर तिकी हो, दृष्टि आकाश की ओर हो, श्वास अंदर भरकर रखें।
(05) श्वास बाहर निकालकर दायें पैर को भी पीछे ले जाएं, गर्दन और सिर दोनों हाथों के बीच रहें। नितम्ब और कमर ऊपर उठाकर तथा सिर को झुकाकर नाभि के पास देखें।
(06) हाथों तथा पैरों के पंजे को स्थिर रखते हुए, छाती एवं घुटनों को भूमि पर स्पर्श करें। इस प्रकार दो हाँथ दो पैर दो घुटनें छाती एवं सिर, इन आठो अंगों को भूमि पर स्पर्श करें तथा श्वास-प्रश्वास की स्थिति सामान्य रहे।
(07) श्वास अंदर भरकर छाती को ऊपर उठाते हुए आकाश की ओर दृष्टी रखें कमर भुमि पर टिकी हो हाँथ एवं पैर सीधा रखें।
(08) श्वास बाहर निकालकर दायें पैर को भी पीछे ले जाएं, गर्दन और सिर दोनों हाथों के बीच रहें। नितम्ब और कमर ऊपर उठाकर तथा सिर को झुकाकर नाभि के पास देखें।
(09) बायाँ पैर उठाकर आगे भुजंगासन की स्थिति में ले जायें। बायाँ पैर दोनों हाथों के बीच में रहे, घुटना छाती के सामने रहे तथा पैर की एड़ी भूमि पर तिकी हो, दृष्टि आकाश की ओर हो, श्वास अंदर भरकर रखें।
(10) श्वास को बाहर निकाल कर दायें पैर को आगे लाकर बायें पैर के पास रखें जमीन पर टिका दें। यदि हो सके तो हथेलियों को भूमि से स्पर्श करायें तथा सिर को घुटने से लगाने का प्रयास करें।
(11) श्वास को अंदर भरकर सामने से दोनों हाथों को खोलते हुए पीछे की तरफ ले जायें, दृष्टी आकाश की तरफ हो तथा कमर यथाशक्ति पीछे की तरफ झुकाएं।
(12) अब हाथों को सामने की ओर लाएं एवं नमस्कार की स्थिति में हाथों को छाती से लगाकर सामने रखें।
इस प्रकार सूर्य नमस्कार की एक चक्र पूर्ण होता है।
रोज सूरज की ओर मुंह करके सूर्य नमस्कार करने से शरीर में विटामिन डी भी मिलता है। जिससे हड्डियां मजबूत होती है। यह रोज करने से आलस्य, अनिद्रा जैसी समस्या दूर होगी। सूर्य नमस्कार करने से पूरी बॉडी की एक्सरसाइज एक साथ होती है। इससे शरीर में ताजगी भी आती है। यह योग छोटी उम्र में करने से बॉडी में लचीलापन बना रहता है। कई बच्चे बचपन से ही काफी मोटे होते हैं, लेकिन वक्त के साथ उनकी हेल्थ बढ़ती जाती है। सूर्य नमस्कार की मदद से छोटी उम्र में जल्दी वजन कम किया जा सकता है। सूर्य नमस्कार करने से फेफड़े तथा पसलियों की मांसपेशियां भी मजबूत होती है। सूर्य नमस्कार 12 आसानों से मिलकर बना है। इसलिए इसे सभी उम्र के लोग कर सकते हैं। सूर्य नमस्कार करने से खून का प्रवाह पूरी बॉडी में सुचारू रूप से होता है। यह योग करने से त्वचा संबंधी बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।