NAI SUBEH
सुन्दर विचार
-“छोटी-छोटी बातों में आनंद खोजना चाहिए, क्योंकि बड़ी-बड़ी बातें तो जीवन में कुछ ही होती हैं।”
-“यह आवश्यक नहीं कि हर लड़ाई जीती ही जाए। आवश्यक तो यह है कि हर हार से कुछ सीखा जाए।”
-“एक मुँह और दो कान का अर्थ है कि हम अगर एक बात बोलें तो कम से कम दो बात सुनें भी।”
-“कभी पीठ पीछे आपकी बात चले तो घबराना नहीं, क्योंकि बात तो उन्ही की है.. जिनमें वाकई कोई बात होती है।”
-“इंसान को बोलना सीखने में तीन साल लग जाते हैं लेकिन क्या बोलना है ये सीखने में पूरी जिदंगी लग जाती हैं।”
-“लक्ष्य पर अड़े रहना चाहिए, मगर पथ लचीला रखना चाहिए।”
-“कर्मों की आवाज शब्दों से भी ऊँची होती है।”
-“जलो सिर्फ वहाँ जहाँ आपकी जरुरत हो..उजाले में चिरागों के मायने नहीं होते।”
-“प्रकृति अपने दिए हुए कष्ट सहने की शक्ति भी देती है लेकिन मनुष्य गलत निर्णय लेने के लिये बाध्य तब होता है जब कष्ट अपने तैयार किये हुए हों।”
-“देने के लिए दान, लेने के लिए ज्ञान, और त्यागने के लिए अभिमान सर्वश्रेष्ठ है।”
-“रास्ता पूछने में शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए,क्या पता मंजिल का रास्ता वहीं से जाता हो जिससे आप बेखबर हों.”
-“महान बनने की चाहत तो हर एक में हैं पर पहले इंसान बनना अक्सर लोग भूल जाते हैं”
-“गलती उसी से होती है जो काम करता है निकम्मों की जिंदगी तो दूसरों की बुराई खोजने में ही ख़त्म हो जाती है।”
-“मंजिले चाहे कितनी भी ऊँची या कठिन हो, रास्ते हमेशा पैरों के नीचे ही होते है।”
-“जहाज समंदर के किनारे सर्वाधिक सुरक्षित रहता है। मगर क्या आप नहीं जानते कि उसे किनारे के लिए नहीं, बल्कि समंदर के बीच में जाने के लिए बनाया गया है ?” – अज्ञात
-“यदि किसी भूल के कारण कल का दिन दु:ख में बीता है तो उसे याद कर आज का दिन व्यर्थ में न बर्बाद करो।” – स्वामी विवेकानंद
-“मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके उतना नहीं थकता, जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में थक जाता है…”
-“जिसके पास उम्मीद हैं, वह लाख बार हार के भी, नही हार सकता !”
-“किसी मकसद के लिए खड़े हों तो एक पेड़ की तरह… और गिरो तो बीज की तरह… ताकि फिर से उगकर उसी मकसद के लिए लड़ सको।”
-“मेरे व्यक्तित्व और व्यवहार की कभी मिलानी मत करना… क्योंकि मेरा व्यक्तित्व मैं हूँ और मेरा व्यवहार आप पर निर्भर करता है!!”
-“आपके पास जितना समय अभी है… उससे अधिक समय कभी नहीं होगा।”
-“जिंदगी में जो हम चाहते है वो आसानी से नहीं मिलता लेकिन जिंदगी का सच ये है कि हम भी वही चाहते हैं जो आसान नहीं होता…!”
-“दूसरों को मूर्ख समझने वाले लोग कभी विद्वान नहीं हो सकते….”
-“जिस समय हम किसी का अपमान कर रहे होते हैं, दरअसल, उस समय हम अपना सम्मान खो रहे होते है…”
-“जब रिश्तों में झूठ बोलने की आवश्यकता महसूस होने लगे, तब समझ लेना चाहिए कि रिश्ता समाप्ति की ओर है।”
-“जिंदगी की आधी शिकायतें ऐसे ही ठीक हो जाएँ, अगर लोग…. एक दूसरे के बारे में बोलने की जगह, एक दूसरे से बोलना सीख जाएँ।”
-“जब जिन्दगी हँसाए, तब समझना कि अच्छे कर्मों का फल मिल रहा है। जब जिन्दगी रुलाये, तब समझना कि अब अच्छे कर्म करने का समय आ गया है।”
-“नेक इंसान बनने के लिए वैसी ही कोशिश करो, जैसे खूबसूरत दिखने के लिए करते हो।”
-“किताबें ऐसी शिक्षक हैं जो बिना कष्ट दिए, बिना आलोचना किए और बिना परीक्षा लिए हमें शिक्षा देती हैं।”
-“आपका असली मुकाबला केवल अपने आप से है अगर आप आज खुद को बीते हुए कल से बेहतर पाते हैं, तो यह आपकी सबसे बड़ी जीत है।”
-“दो बातें इंसान को अपनों से दूर कर देती हैं, एक उसका …अहम… और दूसरा उसका …वहम…”
-“अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है की, माफी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये…”
-“किसी शांत और विनम्र व्यक्ति से अपनी तुलना करके देखिए, आपको लगेगा कि, आपका घमंड निश्चय ही त्यागने जैसा है। “
-“हर व्यक्ति के अन्दर एक शक्ति छिपी रहती है जब वह जाग्रत होती है तभी चमत्कार होते हैं।”
-“रिश्ते चाहे कितने भी बुरे हों… लेकिन कभी भी उन्हें मत तोड़ना, क्योंकि पानी चाहें कितना भी गंदा हो, प्यास नहीं तो आग तो बुझा ही देता है!!”
-“जो तुम्हारी बात सुनते हुए इधर-उधर देखे, उस पर कभी विश्वास न करो” –चाणक्य
-“भरोसा बहुत बड़ी पूंजी है, यह यूँ ही नहीं बांटी जाती… भरोसा खुद पर रखो तो ताकत मिलती है और दूसरे पे रखो तो कमजोरी बन जाता है।”
-“एक छोटी सी चींटी आपके पैर को काट सकती है पर आप उसके पैर को नहीं काट सकते… इसलिए जीवन में किसी को छोटा ना समझें… वह जो कर सकता है, शायद आप ना कर पायें !”
-“भूल करना मनुष्य का स्वभाव है, लेकिन भूल को स्वीकार कर लेना और वैसी भूल फिर न करने का प्रयास करना वीर एवं साहसी होने का प्रतीक है।”
-“तुम दुनिया में सबसे जीत सकते हो सिवाय उस इंसान के जो तुम्हारी खुशी के लिए जानबुझकर हार जाता है।”
-“मुश्किल परिस्थितियों में मनुष्य को सहारे की आवश्यकता होती है सलाह की नहीं।”
-“एक मिनट में जिन्दगी नहीं बदलती पर एक मिनट सोच कर लिया हुआ फैसला पूरी जिन्दगी बदल देता है।”
-“जिंदगी को लेकर हमारी शिकायतें जितनी कम होती जाएगी, हमारा जीवन उतना ही बेहतर बनता जाएगा।”
-“हमेशा छोटी-छोटी गलतियों से बचने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि इन्सान पहाड़ों से नहीं पत्थरों से ही ठोकर खाता है ..”
-“समस्या के बारे में सोचने से बहाने मिलते हैं, समाधान के बारे में सोचने पर रास्ते मिलते हैं।”
-“कभी पीठ पीछे आपकी बात चले तो घबराना मत, क्योंकि बात तो उन्हीं की होती है जिनमें वाकई कोई …बात… होती है।”
-“बीते कल का अफसोस और आने वाले कल की चिन्ता, दो ऐसे चोर हैं.. जो हमारे आज की खूबसूरती को चुरा ले जाते हैं।”
-“वक्त अच्छा जरूर आता है, मगर वक्त पर ही आता है!”
-“फूल फभी दो बार नहीं खिलते, जन्म कभी दो बार नहीं मिलते, मिलने को तो हजारों लोग मिल जाते हैं पर हजारों गलतियाँ माफ करने वाले माँ बाप नहीं मिलते…!!!”
-“जीवन मिलना भाग्य की बात है ! मृत्यु आना समय की बात है !! पर मृत्यु के बाद भी लोगों के दिलों में जीवित रहना… ये कर्मों की बात है !!”
-“आपका असली मुकाबला केवल अपने आप से है, अगर आप आज खुद को बीते कल से बेहतर पाते हैं, तो यह आपकी बड़ी जीत है।”
-“वाणी में भी अजीब शक्ति होती है… कड़वा बोलने वाले का शहद भी नहीं बिकता.. और मीठा बोलने वाले की मिर्ची भी बिक जाती है..!”
-“प्रेम वो चीज है.. जो इंसान को कभी मुरझाने नहीं देता, और नफरत वो चीज है जो इंसान को कभी खिलने नहीं देती।”
-“जिंदगी में असली सफलता हम तभी हासिल कर सकते हैं, जब हम दूसरों को सफल होने में मदद करना सीख लेते हैं।”
-“इंसान जिंदगी में गलतियाँ करके उतना दु:खी नहीं होता हैं, जितना कि वह बार-बार उन गलतियों के बारे में सोच कर होता है।”
-“वो लोग हमेशा परेशान रहते हैं जो दुनिया को तो बदलने की सोचते हैं, पर खुद को नहीं…”
-“यदि आप प्रयास करने के बाद भी असफल हो जाए तो भी उस व्यक्ति से हर हाल मैं बेहतर होंगे जिसको बिना किसी प्रयास के सफलता मिली गई हो।”
-“चलने वाले दोनों पैरों में कितना फर्क है- एक आगे तो एक पीछे पर न तो आगे वाले को अभिमान है, और न पीछे वाले को अपमान क्योंकि उन्हें पता होता है कि पल भर में ये बदलने वाला है”
-“सच्चे दोस्त सफेद रंग जैसे होते हैं, सफेद में कोई रंग मिलाओ तो नया रंग बन सकता है पर दुनिया के सारे रंग मिलाकर भी सफेद रंग नहीं बना सकते।”
-“दुनिया के लिए आप एक व्यक्ति हैं, लेकिन परिवार के लिए आप पूरी दुनिया हैं, इसलिए अपना ख्याल रखें….”
-“जब किसी जरुरतमंद की आवाज तुम तक पहुंचे तो परमात्मा का शुक्र अदा करना की उसने अपने बंदे की मदद के लिए तुम्हें पसंद किया है। वरना वो तो सबके लिए अकेला ही काफी है।”
-“बड़ा आदमी वो कहलाता है जिससे मिलने, के बाद कोई खुद को छोटा न महसूस करे।”
-“गीता में लिखा है कि अगर आपको कोई अच्छा लगता है तो अच्छा वो नहीं, बल्कि अच्छे आप हो…!! क्योंकि उसमें अच्छाई देखने वाली नजर आपके पास है”
-“तुम्हें अपने क्रोध के लिए सजा नहीं मिलती, बल्कि तुम्हें अपने क्रोध से ही सजा मिलती है।”
-“सुबह का मतलब केवल सूर्योदय नहीं होता, यह सृष्टि की खूबसूरत घटना है, जहाँ अंधकार को मिटाकर सूरज नई उम्मीदों का उजाला फैलाता है।”
-“कामयाब व्यक्ति अपने चेहरे पर दो ही चीजें रखते हैं – पहली मुस्कुराहट- मसलों को हल करने के लिए और दूसरी खमोशी मसलों से दूर रहने के लिए।”
-“आप चाहे कितने भी अच्छे काम करो, या कितने भी इमानदार बनो, पर दुनिया तो बस आपकी एक गलती का इंतजार कर रही है… इसलिए हर वक्त सचेत रहो।”
-“किसी भी मनुष्य की वर्तमान स्थिति देखकर उसके भविष्य का उपहास मत उड़ाओ क्यूंकि काल में इतनी शक्ति है कि वो एक साधारण से कोयले को भी धीरे-धीरे हीरे में बदल देता है।”
-“हर मनुष्य राम बन सकता है आवश्यकता केवल इतनी है कि, उसे अपने अन्दर के रावण को पहले हराना होगा…”
-“हर बेटी के भाग्य में पिता होता है, पर हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती…”
-“जीवन का सबसे बड़ा अपराध – किसी की आँख में आंसू आपकी वजह से होना, और जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि – किसी की आँख में आंसू आपके लिए होना।”
-“ईश्वर पर विश्वास बच्चे ती तरह करो जिसको आप हवा में उछालो तो वो हंसता है डरता नहीं, क्योंकि वो जानता है कि आप उसे गिरने नहीं दोगे, ऐसा ही विश्वास ईश्वर पर करोगें तो वो तुम्हें कभी गिरने नहीं देगा।”
-“खुशनसीब वो नहीं जिसका नसीब अच्छा है! खुशनसीब वो है जो अपने नसीब से खुश है!”
-आप कितने भी परेशान क्यों न हो परंतु किसी अपने को परेशान देखकर यह जरूर कहें, चिन्ता मत करो.. “मैं हूँ न” ये तीन शब्द जीवन में ऊर्जा भर देंगे!
-“हम अपने जीवन के लिए माता पिता के ऋणी होते हैं लेकिन एक अच्छे व्यक्तित्व के लिए हम एक शिक्षक के ऋणी होते हैं ।”
-“ईश्वर से कुछ मांगने पर न मिले तो उससे नाराज ना होना क्योंकि ईश्वर वह नहीं देता जो आपको अच्छा लगता है बल्कि वह देता है जो आपके लिए अच्छा होता है।”
-“जब तालाब भरता है तब मछलियाँ चीटियों को खाती हैं और जब तालाब सूखने लगता है तब चीटियाँ मछलियों को खाती हैं.. यानि प्रकृति सभी को कभी न कभी मौका जरूर देती है बस अपनी बारी का इंतजार करो।”
-“पराक्रमी वह है जो निर्भय और पवित्र है और जो अपने संकल्प से डिगता नहीं है।” – श्रीमद्भगवतगीता
-“आपका सम्मान उन शब्दों में नहीं जो आपकी उपस्थिति में कहे गए बल्कि उन शब्दों में है जो आपकी अनुपस्थिति में कहे गए हैं।”
-“अपनों के बीच खुशियाँ बांटे बिना आप उसका पूरा आनंद नहीं उठा सकते हैं।”
-“दो बातें इंसान को अपनों से दूर कर देती है, एक उसका अहम् और दूसरा उसका वहम।”
-“एक इंसान उस वक्त सबसे सच्चा होता है, जब वह कबूल कर लेता है की उसके भीतर एक झूठ बोलने वाला आदमी भी है।”
-“अपने हौसले को ये मत बताओ कि तुम्हारी परेशानी कितनी बड़ी है, अपनी परेशानी को ये बताओ कि तुम्हारा हौसला कितना बड़ा है।”
-“जिंदगी में अच्छे लोगों की तलाश मत करो, खुद अच्छे बन जाओ, आपसे मिलकर शायद किसी की तलाश पूरी हो जाए।”
-“अगर इंसान शिक्षा से पहले संस्कार, व्यापार से पहले व्यवहार, भगवान से पहले माता-पिता को पहचान ले तो जिन्दगी में कभी कोई कठिनाई नहीं आएगी।”
-“जो लोग जिम्मेदार, सरल, ईमानदार और मेहनती होते है, उन्हें ईश्वर द्वारा विशेष सम्मान मिलता है क्योंकि वे इस धरती पर उसकी श्रेष्ठ रचना हैं।” — ए.पी.जे अब्दुल कलाम
-“दिल बड़ा रखो, दिमाग ठंडा रखो, वाणी मीठी रखो फिर कोई आपसे नाराज हो तो कहना…!!!”
-“बने-बनाए रास्तों पर चलने वाले लोग अक्सर पिछड़ जाते हैं, क्योंकि इन रास्तों में भीड़ बहुत ज्यादा होती है… नया रास्ता बनाने मे समय लगता है, लेकिन दूसरों से आगे निकलने का यही एक मात्र तरीका है।”
-“यदि कोई व्यक्ति आपको गुस्सा दिलाने में सफल होता है, तो ऐसा मान लें कि आप उसके हाथ की कठपुतली हैं।”
-“विचार बहते हुए पानी की तरह हैं यदि आप उसमें गंदगी मिलाएँगे तो वह नाला बन जाएगा और यदि सुगंधी मिला देंगे तो वही गंगाजल बन जाएगा।”
-“समय और समझ दोनों एक साथ खुशकिस्मत लोगों को ही मिलती है, क्योंकि अक्सर समय पर समझ नहीं आती और समझ आने पर समय निकल जाता है।”
-“एक सफल व्यक्ति वह है जो औरो द्वारा अपने ऊपर फेंके गए ईंटों से एक मजबूत नींव बना सकता हो।”
-“छोटी-छोटी खुशियों को पूरे मन से और जोश से मनाएं, इससे जीवन में उत्साह बना रहता है।” -अज्ञात
-“जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप में नहीं कह सकता, उसी को क्रोध अधिक आता है।”
-“ताकत के साथ नेक इरादे भी होना बहुत जरूरी है, वरना सोचो ऐसा क्या था जो रावण हार गया।”
-“जिन्दगी दो दिन की हैं! एक दिन आप के हक में, एक दिन आप के खिलाफ, जिस दिन हक में हो गुरूर मत करना और जिस दिन खिलाफ हो थोड़ा सा सब्र जरूर करना…”
-“जीवन में सबसे बड़ी खुशी उस काम को करने में है, जिसे लोग कहते हैं कि तुम नहीं कर सकते हो।”
-“दूसरों की अपेक्षा आपको सफलता यदि देर से मिले तो निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि… मकान बनने से ज्यादा समय महल बनने में लगता हैं!”
-निष्काम कर्म ही शुभ कर्मों का हेतु होता है, और वही ईश्वर प्राप्ति का साधन भी। – श्रीमद्भगवद्गीता (16वां अध्याय)
-“हमें किसी भी खास समय के लिए इंतजार नहीं करना चाहिए, बल्कि अपने हर समय को खास बनाने की पूरी तरह से कोशिश करनी चाहिए!”
-“उससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है, वो न कभी था.. न कभी होगा, जो वास्तविक है वो हमेशा था और उसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता।” – श्रीमद्भगवद्गीता
-यदि जीवन में लोकप्रिय होना हो तो सबसे ज्यादा “आप” शब्द का, उसके बाद “हम” शब्द का और सबसे कम “मैं” शब्द का उपयोग करना चाहिए।
-“मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।”
-“जिंदगी में अपनों से बड़ों को प्रणाम करना सीखिए, कहा जाता है कि प्रणाम परिणाम बदल देता है।”
-“शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।” – ए.पी.जे अब्दुल कलाम
-“यदि आप प्रयास करने के बाद भी असफल हो जाये, तो भी उस व्यक्ति से हर हाल में बेहतर होंगे,जिसको बिना किसी प्रयास के सफलता मिली गई हो।”
-” ब्रह्मांण्ड की सारी शक्तीयां पहले से हम में है, वह हम ही है जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते है कि कितना अन्धकार है!” – स्वामी विवेकानंद
-” अच्छे इंसान सिर्फ और सिर्फ अपने कर्म से पहचाने जाते हैं क्योंकि, अच्छी बातें तो बुरे लोग भी कर लेते है। “
-” किसी का सरल स्वभाव उसकी कमजोरी नहीं होती है, संसार में पानी से सरल कुछ भी नहीं होता है किन्तु उसका तेज बड़ी से बड़ी चट्टान के टुकड़े-टुकड़े कर देता है। “
-” अधिक ध्यान उस पर दें जो आपके पास है, उस पर नहीं जो आपके पास नहीं है। “
-” एक बार अगर हम गलत राह पर चलना छोड़ दे, तो सही राह अपने आप मिल जाती है। “
-“अगर रिश्ते में पूरी तरह से विश्वास, ईमानदारी और समझदारी है तो इन्हें निभाने के लिए वचन, कसम, नियम और शर्तों की कोई जरुरत नहीं !”
-” किसी से उम्मीद किए बिना उसका अच्छा करो, क्योंकि किसी ने कहा है, कि जो लोग फूल बेचते हैं उनके हाथ में खुश्बू अक्सर रह जाती है। “
-” कागज अपनी किस्मत से उड़ता है लेकिन पतंग अपनी काबिलियत से, इसलिए किस्मत साथ दे या ना दे काबिलियत जरूर साथ देती है। “
-” जिनके मन में सदैव परोपकार की भावना रहती है, उनकी मुसीबतें जल्द खत्म हो जाती हैं और उन्हें पग-पग पर यश की प्राप्ति होती है। ‘ – चाणक्य
-” इंसान उस वक्त सबसे ज्यादा बेवकूफ बनता है जब वह किसी और को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहा होता है। “
-” अपमान करना किसी का स्वभाव हो सकता है…. किंतु सम्मान करना हमारे संस्कार हैं। “
-” स्वयं में बहुत सी कमियों के बावजूद यदि मैं स्वयं से प्रेम कर सकता हूँ, तो दूसरों में थोड़ी बहुत कमियों की वजह से उनसे घृणा कैसे कर सकता हूँ ? ” – स्वामी विवेकानंद
-” मेरा-तेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है, तुम सबके हो.. ” – श्रीमद्भगवद्गीता
-” हमारे साथ प्राय: समस्या यही होती है कि हम झूठी प्रशंसा के द्वारा बरबाद हो जाना तो पसंद करते हैं, परन्तु वास्तविक आलोचना के द्वारा संभल जाना नहीं। “
-” एक मिनट में जिन्दगी नहीं बदलती पर एक मिनट सोच कर लिया हुआ फैसला पूरी जिन्दगी बदल देता है… “
-” अपनी उम्र और पैसे पर कभी घमंड मत करना क्योंकि जो चीजें गिनी जा सकें वो यकीनन खत्म हो जाती हैं। “
-” इंसान मकान बदलता है, वस्त्र बदलता है, सम्बंध बदलता है, फिर भी दु:खी रहता है क्योंकि, वह अपना स्वभाव नहीं बदलता..! “
-” अगर जिंदगी में कुछ पाना हो तो तरीके बदलो इरादे नहीं। “
-” आप कब सही थे.. इसे कोई याद नहीं रखता, आप कब गलत थे.. इसे कोई कभी नहीं भूलता। “
-” स्वर्ग व नरक कोई भौगोलिक स्थिति नहीं हैं, बल्कि एक मनोस्थिति है जैसा सोचोगे, वैसा ही पाओगे। “
-” समय तब तक दुश्मन नहीं बनता जब तक आप इसे व्यर्थ गंवाने का प्रयास नहीं करते हैं। – अज्ञात “
-” जो आप से जलते हैं उनसे घृणा कभी न करें क्योंकि यही तो वह लोग हैं, जो यह समझते हैं कि आप उनसे बेहतर हैं। “
-” जिसने विद्या पढ़ी और आचरण नहीं किया- वह उसके समान है, जिसने बैल जोता है और बीज नहीं बिखेरा है। “
-“न कोई किसी का मित्र है और न कोई किसी का शत्रु, संसार में व्यवहार से ही लोग मित्र और शत्रु होते रहते हैं।”
-” आत्मविश्वास किसी भी कार्य के लिए आवश्यक तत्व है, क्योंकि एक बड़ी खाई को दो छोटी छलांगों में पार नहीं किया जा सकता। “
-“मुश्किलें वे औजार हैं जिनसे ईश्वर हमें बेहतर कामों के लिए तैयार करता हैं। “
-” दरिद्रता सब पापों की जननी है, तथा लोभ उसकी सबसे बड़ी संतान है। ” – जयशंकर प्रसाद
-” सुंदरता जब आपको आकर्षित कर रही होती है, व्यक्तित्व तब तक आपके दिल पर कब्ज़ा कर चुका होता है। “
-” क्रोध से शुरू होने वाली हर बात, लज्जा पर समाप्त होती है। “
-” अगर कोई कर सकता हैं, तुम भी कर सकते हो, अगर कोई नहीं कर सकता तो तुम्हे जरुर करना हैं। “
-” संसार में जितने प्रकार की प्राप्तियां हैं, उनमें से शिक्षा सब से बढ़कर है। “
-” चरित्र वृक्ष के समान है तो प्रतिष्ठा उसकी छाया है, हम अक्सर छाया के बारे में सोचते हैं, जबकि असल चीज तो वृक्ष ही है। “
-” यदि आप बहुत अधिक लोगों पर निर्भर रहते हैं तो आपके निराश होने के अवसर भी अधिक हो जाते हैं। “
-” ज्ञान अगर बुद्धि में रहे तो बोझ बनता हैं और जब व्यवहार में आ जाये तो आचरण बन जाता है। “
-” जो शक्ति न होते हुए भी मन से हार नहीं मानता है, उसको दुनिया की कोई ताकत परास्त नहीं कर सकती। ” – चाणक्य
-” आप कितना धीमे चल रहे हैं यह बात तक मायने नहीं रखती जब तक कि आप रुकें नहीं। “
-” अगर रास्ता खूबसूरत है तो यह जरूर जानें कि वह किस ओर जा रहा है, लेकिन अगर लक्ष्य खूबसूरत है तो रास्ता जैसा भी हो उसकी परवाह ना करें “
-” सच वह दौलत है जिसे पहले खर्च करो और जिन्दगी भर आनन्द लो, झूठ वह कर्ज है जिससे क्षणिक सुख पाओ पर जिन्दगी भर चुकाते रहो । “
-” जिस व्यक्ति ने कभी कोई गलती नहीं की, इसका मतबल उसने कभी कोई नया काम करने की कोशिश ही नहीं की। “
-” एक समझदार व्यक्ति वह है जो दूसरों को देख कर उनकी विशेषताओं को सिखता है, उनसे तुलना या ईर्ष्या नहीं करता “
-” कमजोर व्यक्ति से दुश्मनी ज्यादा खतरनाक होती है क्योंकि वह उस समय वार करता है जब हम कल्पना भी नहीं कर सकते ” – चाणक्य
-“कुंठा से बचें, विषम परिस्थितियों का साहस पूर्वक सामना करें, विनम्रता पूर्वक व्यवहार करें, क्योंकि कुंठा से हम आक्रमक बनते हैं और अवसाद में चले जाते हैं।” – अश्विनी कपूर
-” अजूबा यह नहीं कि हमने किसी कार्य को कर दिखाया है, बल्कि यह है कि हमें वह कार्य करके प्रसन्नता हुई है। ” – मदर टरेसा
-” मूर्खों से तारीफ सुनने से बुद्धिमान की डांट सुनना ज्यादा बेहतर है ” – चाणक्य
-” कमजोर तब रूकते हैं, जब वे थक जाते हैं और विजेता तब रूकते हैं जब वे जीत जाते हैं। “
-” प्रतीक्षा करने वालों को केवल उतना ही प्राप्त होता है जितना यत्न करने वाले छोड़ देते हैं “
-” सम्भव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है, असम्भव से भी आगे निकल जाना। “
-” कोई व्यक्ति सिर्फ इसलिए प्रसन्न नहीं दिखाई देता कि उसे कोई परेशानी नहीं है, बल्कि इसलिए प्रसन्न रहता है कि उसका जीवन जीने का दृष्टिकोण सकारात्मक है। “
-” बीते समय में हमने भविष्य की चिन्ता की, आज भी हम भविष्य के लिए सोच रहे हैं और शायद कल भी यही करेंगे फिर हम वर्तमान का आनन्द कब लेंगे “
-” हम नींद में सपने देखते हैं, लेकिन ईश्वर हमें हर दिन नींद से जगाकर उन सपनों को पूरा करने का एक मौका देता है। ” – अज्ञात
-” लगातार हो रही असफलताओं से निराश नहीं होना चाहिए… कभी-कभी गुच्छे की आखिरी चाबी ताला खोल देती है। “
-” ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ। ” – चाणक्य
-” आपका खुश रहना ही आपके दुश्मनों के लिए सबसे बड़ी सजा है। ” – चाणक्य
-” जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी ” – स्वामी विवेकानंद
-” आस्था वो पक्षी है जो सुबह अँधेरा होने पर भी उजाले को महसूस करती है। ” – रवीन्द्रनाथ टैगोर
-” वही व्यक्ति समर्थ है जो यह मानता है कि वह समर्थ है। ” – महात्मा बुद्ध
-” मुस्कान की कोई कीमत नहीं होती। यह पाने वाले को खुशहाल करती है और देने वाले का कुछ भी घटता नहीं। ” – अज्ञात
-” आप आज जो करेंगे वह महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें आप अपने जीवन का एक दिन लगा रहे हैं। ” – अज्ञात
-” ज्ञान का समुद्र अथाह है। जो यह सोचता है कि मैं जो जानता हूं, वही पूर्ण सत्य है, वह अंधेरे में भटक रहा है। ” – लाला लाजपत राय
-” छोटी वस्तुओं का समूह कार्यसाधक होता है। तिनकों से बनी रस्सी से मतवाले हाथी बांध लिए जाते हैं। ” – नारायण पंडित
-” जब दुनिया यह कहती है कि हार मान लो, तो आशा धीरे से कान में कहती है कि एक बार फिर प्रयास करो, और यह ठीक भी है। ” – अज्ञात
-” कर्म वह आइना है जो हमारा स्वरूप हमें दिखा देता है। अत: हमें कर्म का एहसानमंद होना चाहिए। – विनोबा भावे “
-” संसार में न कोई तुम्हारा मित्र है और न शत्रु , तुम्हारे अपने विचार ही शत्रु और मित्र बनाने के लिए उत्तरदायी है। ” – अज्ञात
-” समय हमेशा कड़ी मेहनत करने वालों का मित्र रहा है। ” – अज्ञात
-” आपकी मनोवृत्ति ही आपकी महानता को निर्धारित करती है। ” – अज्ञात
-” हम नींद में सपने देखते हैं, लेकिन ईश्वर हमें हर दिन नींद से जगाकर उन सपनों को पूरा करने का एक मौका देते हैं। ” – अज्ञात
-” दैनिक कार्य व्यवहार में क्यों को क्यों नहीं में बदलने की कला सीखिए। सकारात्मक सोच हमेशा प्रगति की ओर जाती है। ‘ – अज्ञात
-” बोलने में संयमी होना और कार्यों में अग्रणी होना, श्रेष्ठ व्यक्तियों की पहचान है। ” – अज्ञात
-“मानव के अंदर जो कुछ सर्वोत्म है, उसका विकास प्रशंसा तथा प्रोत्साहन के द्वारा किया जा सकता है।”
-” अपनी सोच को कैसे बेहतर बनाया जाए, यह सीखने से उत्कृष्ट कुछ नहीं है। ” – अज्ञात
-“यदि आप गुस्से के एक क्षण में धैक्य रखते हैं, तो आप दु:ख के सौ दिन से बच सकते हैं।”
-” जिसके पास धैर्य और परिश्रम का बल है, वह जो कुछ इच्छा करता है, प्राप्त कर लेता है। “
-“पक्षपात गुणों को दोष और दोष को गुण बना देता है।” – राजशेखर
-“विवेक जीवन का नमक है और कल्पना उसकी मिठास। एक जीवन को सुरक्षित रखता है और दूसरा उसे मधुर बनाता है।” -अज्ञात
-“हर दिन कर्म की नई शुरुआत है, कल की कमियों को लेकर धैर्य न खोएं।” -अज्ञात
-“अपनी अज्ञानता के प्रति सचेत होना ही ज्ञान प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम है।” – अज्ञात
-” दरिद्र कौन है ? भारी तृष्णा वाला, और धनवान कौन है ? जिसे पूर्ण संतोष है। ” – शंकराचार्य
-“स्वंय की उन्नति में अधिक समय देंगे तो दूसरों की निन्दा करने का समय ही नहीं मिलेगा।” – अज्ञात
-“आप ईश्वर में तब तक विश्वास नहीं कर पाएंगे जब तक आप अपने आप में विश्वास नहीं करते|”- स्वामी विवेकानंद
-“वह नास्तिक है, जो अपने आप में विश्वास नहीं रखता |” – स्वामी विवेकानंद
-“जो धैर्यवान नहीं है, उसका न वर्तमान है और न भविष्य” – चाणक्य
-“सिर्फ मांगते ही रहते हैं ईश्वर से हम, कभी सोचा भी है हमने कि वो दें-दें कर भी थकता नहीं।” – अश्विनी कपूर
-“यदि आप गुस्से के एक क्षण में धैर्य रखते हैं, तो आप दु:ख के सौ दिन से बच जाएंगे”
-बात मन में दबाए न रखें, व्यर्थ में चिंता बढेगी। मनोभावों को शांत-सहज भाव में व्क्त करें,बिगड़ी बात बन जाएगी। – अश्विनी कपूर
-“विनम्रता पूर्वक व्यवहार करें, कुंठा से बचें, क्योंकि इससे हम आक्रमक बनते हैं और अवसाद में चले जाते हैं । – अश्विनी कपूर