NAI SUBEH
“ज्यादा सोचने वाले लोगों के लिए “
एक गांव में एक आदमी रहता था, जो ताले तोड़ने के मामले में एक्सपर्ट था, यानी कि जहां कहीं भी ताले तोड़ने की बात आती थी या लॉक को खोलने की बात आती थी, तो उसका नाम सबसे पहले लिया जाता था । 1 दिन कुछ समझदार लोगों ने उसकी परीक्षा लेनी चाही और उसको बता दिया गया कि आपको इस जगह पर इस तारीख को आना है और ताले को तोड़ना है ।
जब वह समय के अनुसार तय दिनांक को वहां पहुंच गया तो उसको प्रतियोगिता के नियम समझा दिए गए। आपको एक बॉक्स में बिठा दिया जाएगा और उस बॉक्स को पानी में उतार दिया जाएगा।आपको ताला खोल कर बाहर आना होगा इस बीच आपको लगता है कि lockआपसे नहीं खुल पाएगा तो ,आप इमरजेंसी बटन को दबा सकते हैं और ऊपर आ सकते हैं, लेकिन आप प्रतियोगिता में हार जाएंगे, उसने सभी नियमों की हां कर दी और पानी में चला गया,
जैसे ही वह पानी में पहुंचा तो उसने जेब में से एक तार निकाला और lock को खोलने की कोशिश करने लगा। 4 से 5 बार कोशिश करने के बाद वह बार बार विफल हो रहा था । लेकिन उससे लॉक नहीं खुल रहा था अब ज्यादा समय तक पानी में रहना उसके लिए और भी मुश्किल था क्योंकि सांस रोकना आसान नहीं था। फाइनली उसने अपना पूरा दिमाग लगाया और एक बार अंतिम प्रयास किया। वह विफल हुआ और उसने इमरजेंसी बटन दबा दिया धीरे-धीरे ऊपर आने लगा, पानी के ऊपर आये बॉक्स को बाहर निकाला गया और हल्का सा धक्का देकर खोला गया, वह अचंभित हो गया कि एक बार भी मेरे दिमाग में यह ख्याल क्यों नहीं आया कि मैं इसको धक्का देकर खोलूँ , हो सकता है कि ये लॉक ही ना हो ।
तो यही होता है, जब हम भी बहुत ज्यादा सोचते हैं, तो इसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ता है ।कभी कभी ना सोचने से भी जवाब मिल जाता है। इसलिए किसी ने कहा है कि, “जो कुछ नहीं करते वह कमाल करते हैं’ जी हां दोस्तों यह बात बिल्कुल सही है, कभी कभी दिमाग को जब हम शांत रखते हैं और ठंडे दिमाग से सोचने की कोशिश करते हैं तो हमें बेहतर समाधान मिल जाता है ।