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मै न होता, तो क्या होता?
“मैं न होता, तो क्या होता?” “अशोक वाटिका” में जिस समय रावण क्रोध में भरकर, तलवार लेकर, सीता माँ को मारने के लिए दौड़ पड़ा, तब हनुमान जी को लगा, कि इसकी तलवार छीन कर, इसका सर काट लेना चाहिये!किन्तु,…
“मैं न होता, तो क्या होता?” “अशोक वाटिका” में जिस समय रावण क्रोध में भरकर, तलवार लेकर, सीता माँ को मारने के लिए दौड़ पड़ा, तब हनुमान जी को लगा, कि इसकी तलवार छीन कर, इसका सर काट लेना चाहिये!किन्तु,…
मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष (अगहन) महिना के शुक्ल पक्ष के एकादशी को होता है। हिन्दू धर्म में हर तिथि एवं हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है। मोक्षदा एकादशी का भी अपना एक अलग महत्व है, क्योंकि इस तिथि…
विक्रम संवत जब प्रारंभ नहीं हुआ था तब युधिष्ठिर संवत, कलियुग संवत और सप्तर्षि संवत प्रचलित थे। सप्तर्षि संवत की शुरुआत 3076 ईसवी पूर्व हुई थी जबकि कलियुग संवत की शुरुआत 3102 ईसवी पूर्व हुई थी। इसी दौरान युधिष्ठिर संवत…
तिलक का अर्थ है भारत में पूजा के बाद माथे पर लगाया जानेवाला निशान। तिलक नहीँ लगाने से विनाश सुनिश्चित है। तिलक अन्य व्यक्ति द्वारा ही ग्रहण करना चाहिए। स्वतिलकधारियों से सावधान। धोखेबाज होते हैं चाहे किसी भी जाति के…
होली के बाद चैत्र महीने के कृष्णपक्ष की पांचवी तिथि को रंग पंचमी पर्व मनाया जाता है। पौराणिक परंपरा के मुताबिक इस दिन आसमान में रंग उड़ाकर देवताओं का स्वागत करना चाहिए। इससे देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं। रंग पंचमी…
स्वर वर्ण अज्ञ: सुखमाराध्य: सुखतरमाराध्यते विशेषज्ञ:। ज्ञानलवदुर्विदग्धं ब्रह्मापि तं नरं न रञ्जयति ।। भावार्थ –मूर्ख को सरलता पूर्वक समझाया जा सकता है। विद्वान् को उससे भी अधिक सरलता से समझाया जा सकता है किन्तु जिस अल्पज्ञानी को अपने ज्ञान का…
रविवार, 28 मार्च को फाल्गुन महीने की पूर्णिमा है। इसे वसंत पूर्णिमा भी कहा जाता है। श्रीमद्भागवत में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि मैं ऋतुओं में वसंत हूं। इसलिए इस पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करने की…
ड्रग केमिस्ट्री रिसर्च सेंटर (DCRC) ने इन सिलिको तकनीकों पर एक वेबिनार किया। इस अवसर पर अतिथि वक्ता डॉ. सतीश कुमार सरनकर, प्रिंसिपल, अखिल भारती कॉलेज ऑफ फार्मेसी, भोपाल, मध्य प्रदेश, भारत ने “इन सिलिको तकनीक: ए न्यू पैराडिग फॉर…
अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषि: श्रीसीतारामचन्द्रोदेवता अनुष्टुप् छन्द: सीता शक्ति: श्रीमद्हनुमान् कीलकम् श्रीसीतारामचन्द्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्तोत्रजपे विनियोग: ॥ ॥ अथ ध्यानम् ॥ ध्यायेदाजानुबाहुं धृतशरधनुषं बद्दद्पद्मासनस्थं पीतं वासो वसानं नवकमलदल-स्पर्धिनेत्रं प्रसन्नम् । वामाङ्कारूढसीता मुखकमलमिलल्-लोचनं नीरदाभं नानालङ्कारदीप्तं दधतमुरुजटामण्डनं रामचन्द्रम् ॥ ॥ इति ध्यानम्…
ॐ हिरण्य-वर्णां हरिणीं, सुवर्ण-रजत-स्त्रजाम्। चन्द्रां हिरण्यमयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आवह।। तां म आवह जात-वेदो, लक्ष्मीमनप-गामिनीम्। यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम्।। अश्वपूर्वां रथ-मध्यां, हस्ति-नाद-प्रमोदिनीम्। श्रियं देवीमुपह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम्।। कांसोऽस्मि तां हिरण्य-प्राकारामार्द्रा ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीं। पद्मे स्थितां पद्म-वर्णां तामिहोपह्वये श्रियम्।। चन्द्रां…