NAI SUBEH

NAI SUBEH

मेघदूतम् (पूर्वमेघः) ध्वनिसहितम्

कश्चित्कान्ताविरहगुरुणा स्वाधिकारात्प्रमत्तः शापेनास्तङ्गमितमहिमा वर्षभोग्येण भर्तुः । यक्षश्चक्रे जनकतनयास्नानपुण्योदकेषु स्निग्धच्छायातरुषु वसतिं रामगिर्याश्रमेषु॥1.1॥ तस्मिन्नद्रौ कतिचिदबलाविप्रयुक्तः स कामी नीत्वा मासान् कनकवलयभ्रंशरिक्तप्रकोष्ठः । आषाढस्य प्रथमदिवसे मेघमाश्लिष्टसानुं वप्रक्रीडापरिणतगजप्रेक्षणीयं ददर्श॥1.2॥ तस्य स्थित्वा कथमपि पुरः कौतुकाधानहेतो- रन्तर्बाष्पश्चिरमनुचरो राजराजस्य दध्यौ । मेघालोके भवति सुखिनोऽप्यन्यथावृत्ति चेतः कण्ठाश्लेषप्रणयिनि जने किं…

शिव-पार्वती विवाह।।

तुलसीदास जी कहते हैं शिव-पार्वती के विवाह की इस कथा को जो स्त्री-पुरुष कहेंगे और गाएँगे, वे कल्याण के कार्यों और विवाहादि मंगलों में सदा सुख पाएँगे। यह उमा संभु बिबाहु जे नर नारि कहहिं जे गावहीं। कल्यान काज बिबाह…

सूर्य की उपासना के लिए विभिन्न स्तोत्र एवं विधियाँ 

नई सुबेह-संछिप्त समाचार

मकर संक्रांति पर्व का मुख्य आधार सूर्य हैं। इस दिन सूर्यदेव की विशेष उपासना की जाती है। सूर्य साक्षात् देवता माने जाते हैं। ये शीघ्र मनोकामनाएं पूरी करते हैं। छठ पर्व तथा भगवान सूर्य पर आधारित मकर संक्रांति जैसे पर्वों…

महर्षि व्यास के जीवन का परिचय

महर्षि कृष्ण द्वैपायन बादरायण व्यास का आविर्भाव द्वापर युग में हुआ। उनका बहुत सा समय काशी में व्यतीत हुआ। पुराणों के अनुसार व्यास ऋषि पराशर और सत्यवती के पुत्र थे। सर्वप्रथम उन्होंने वेद का प्रतिभाग करके श्रौतयज्ञ की आवश्यकता के…

गुरुगीता

।।प्रथमोऽध्यायः ।। अचिन्त्याव्यक्तरूपाय निर्गुणाय गणात्मने । समस्तजगदाधारमूर्तये ब्रह्मणे नमः ।।१।।  ऋषय ऊचुः ।   सूत सूत महाप्राज्ञ निगमागमपारगम् ।   गुरुस्वरूपमस्माकं ब्रूहि सर्वमलापहम् ।।२।।   यस्य श्रवणमात्रेण देही दुःखाद्विमुच्यते ।   येन मार्गेण मुनयः सर्वज्ञत्वं प्रपेदिरे ।।३।।   यत्प्राप्य न पुनर्याति नरः संसारबन्धनम् ।  तथाविधं…

देश की एकमात्र नदी जो उल्टी दिशा में बहती है, गंगा से भी माना जाता है पवित्र

नर्मदा नदी को लेकर प्राचीन काल से तरह-तरह की मान्यताएं हैं। कुछ तथ्य तो ऐसे हैं जो शायद आपने पहले नहीं सुने होंगे। यह एकमात्र ऐसी नदी है जिसका पुराण है। यह एकमात्र ऐसी नदी है , जिसकी परिक्रमा की…

रघुवंशमहाकाव्यम्

अथात्मनः शब्दगुणं गुणज्ञः पदं विमानेन विगाहमानः । रत्नाकरं वीक्ष्य मिथः स जायां रामाभिधानो हरिरित्युवाच ॥1॥ वैदेहि पश्यामलयाद् विभक्तं मत्सेतुना फेनिलमम्बुराशिम् । छायापथेनेव शरत्प्रसन्नमाकाशमाविष्कृतचारुतारम् ॥ 2॥ गुरोर्यियक्षोः कपिलेन मेध्ये रसातलं संक्रमिते तुरंगे । तदर्थमुर्वीमवधारयद्भिः पूर्वैः किलायं परिवर्धितो नः ॥ 3॥ गर्भं…

उपनयन संस्कार

उपनयन के दिन प्रातः कुमार के पिता शुभ आसन पर पूरब की ओर बैठकर, आचमन, प्राणायाम कर दक्षिण हाथ में अक्षत, फूल लेकर ‘आ नो भद्रादि’ मúल मंत्रा को तथा ‘सुमुखश्चैकदन्तश्च’ आदि श्लोक का पाठ करें। तत्पश्चात् हाथ में फल अक्षत जल और द्रव्य लेकर देशकाल आदि…

कार्तिक स्त्री प्रसूता शान्ति

पुण्यदिन में स्नान किये सपत्नीक सुपुत्र यजमान पूर्वाभिमुख बैठकर ब्राह्मण द्वारा किये गये स्वस्तिवाचन के पश्चात् प्रतिज्ञा करे। तद्यथा-ॐ तत्सदद्येत्याद्युक्त्वा ज्ञाताज्ञातकायवाङ्मनस्कृतसकलपापक्षयपूर्वक-श्रुतिस्मृतिपुराणोक्तफलप्राप्तिकामः सौरकार्तिकमासाधिकरणकैतत्स्वीयस्त्राीप्रसव-संसूचितैतत्कुमारै- तत्पित्राद्यरिष्टोपशमनपूर्वक-श्रीब्रह्मप्रभृतिदेवताप्रसादाऽव्यवहितोत्तरकालिकैतद्वाल- कैतत्पित्रादिजना धिकरणकायुःसुखसम्पद्रक्षादिसिद्धîर्थं श्रीब्रह्मादिपूजनरूपां कार्तिकस्त्राीप्रसूताशान्तिमहं करिष्ये। तदङ्भूतं गणपत्यादिपूजनझ् करिष्ये। इस प्रकार प्रतिज्ञा कर विधिपूर्वक गणेशादि सभी देवताओं की…

मूलगण्डान्त शान्ति प्रयोग

  जिस मूल नक्षत्र में शिशु का जन्म हुआ हो उसके दूसरे मूल नक्षत्र में स्नान कर श्वेत वस्त्र पहन कर जातक एवं पत्नी सहित यजमान (पिता) पूजा के आसन पर पूर्वाभिमुख बैठ आचमन प्राणायाम एवं आसन शुद्धि कर हाथ…