NAI SUBEH

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गृहप्रवेश विधि

गोबर से लीये गये मण्डप के पश्चिम ओर यजमान भूमि पर बैठकर आचमन प्राणायाम देवताओं को नमस्कार कर संकल्प करे- ॐ अद्येत्यादिज्ञाताज्ञात- कायवाङ्मनःकृतसकलपापक्षयपूर्वकशालाकर्माहं करिष्ये। ब्राह्मण कहे-कुरुष्व। तदनन्तर गणेशादि की पूजा कर मंडप के ऊपर लाल रंग की एक ध्वजा स्थापित…

शिलान्यास विधि

 शिला स्थापन करने वाला यजमान निर्माणाधीन भूमि के आग्नेय दिशा में खोदे गये भूमि के पश्चिम की ओर बैठकर आचमन प्राणायाम आदि करे। तदनन्तर स्वस्ति वाचन आदि करते हुए संकल्प करे। देशकालौ संकीत्र्य अमुकगोत्रोऽमुकशम्र्माऽहं करिष्यमाणस्यास्य वास्तोः शुभतासिद्धîर्थं निर्विघ्नता गृह-(प्रासाद)-सिद्धîर्थमायुरारोग्यैश्वय्र्याभिवृद्- ध्यर्थं…

देव पूजा विधि Part-20 भागवत पूजन विधि

प्रातः काल स्नान के पदृात् अपना नित्य-नियम समाप्त करके पहले भगवत्सम्बन्धी स्तोत्रों एवं पदों के द्वारा मङ्लाचरण और वन्दना करे। इसके बाद आचमन और प्राणायाम करके- ॐ भद्रं कर्णेभिः शृणुयाम देवा भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः। स्थिररैरङ्गैस्तुष्टुवा ँ सस्तनूभिव्र्यशेमहि देवहितं यदायुः।। इत्यादि मन्त्रों से…

देव पूजा विधि Part-19 सत्यनारायण पूजा विधि

सत्यनारायण व्रत करने वाला व्यक्ति सङ्क्रान्ति, पूर्णिमा, एकादशी या जिस किसी दिन शाम को पवित्र होकर धोती पहनकर, दीपक जलाकर आचमन आदि कर संकल्प करे –             ॐ विष्णुः 3 अद्येहेत्यादिदेशकालौ सङ्कीत्र्यं अमुकगोत्रोऽमुकशर्मा सपत्नीकोऽहं श्रुतिस्मृतिपुराणोक्तफलप्राप्त्यर्थं समस्तदुरितोपशमनार्थं सकलमनोरथसिद्ध्यर्थं यथा सम्पादितसामग्र्या गणेश-गौरी-…

देव पूजा विधि Part-18 अभिषेक विधि

 ग्रह वेदी के कलश के जल एवं प्रधान देवता के कलश-जल को मिलाकर दूब, पञ्चपल्लव द्वारा अभिषेक करें। आचार्य, जापक पूर्वाभिमुख, यजमान उनकी पत्नी एवं परिवार को पश्चिमाभिमुख बैठाऐ। ओं आपो हि ष्ठामयो भुवस्तान ऊर्जे दधातनः।1। ओं महेरणाय चक्षसे यो…

देव पूजा विधि Part-17 हवन विधि

 आधारादि हवन-कुशकण्डिका की विधि पूर्ण करने के बाद कुशा द्वारा ब्रह्मा का स्पर्श कर अग्नि के उत्तर भाग में घी से आहुति दें-ओं प्रजापतये स्वाहा मन ही मन इदं प्रजापतये न मम ऊँचे स्वर में पढ़कर आहुति से अतिरिक्त घृत…

देव पूजा विधि Part-16 कुश कण्डिका

होम के अनुसार यथा परिमित तीन कण्ठ युक्त कुण्ड अथवा स्थण्डिल का निर्माण करना चाहिए। कुण्ड के अभाव में बालू से मेखला सहित स्थण्डिल का प्रयोग भी किया जा सकता है। स्थण्डिल मिट्टी से निर्मित 24 अंगुलियों का होना चाहिए।…

देव पूजा विधि Part-15 प्राणप्रतिष्ठा विधि

प्रधानदेव यज्ञेश्वर कलश स्थापन प्रधान पीठ या सर्वतोभद्र पर अष्ट दल कमल बनाकर तांबे के कलश को वरुण कलशवत् स्थापित कर ॐ देवदानवसंवादे0 इत्यादि मन्त्रों से पूजन करें। सोने-चाँदी की मूर्ति को स्थापित करके नीचे लिखे क्रम अग्न्युत्तारण और प्राण…

देव पूजा विधि Part-14 सर्वतोभद्र पूजन

प्रत्येक व्रत गृह प्रतिष्ठा आदि में सर्वतोभद्र पीठ बनाकर उसका पूजन विधि पूर्वक करना चाहिए। प्रत्येक पीठ पर प्रधान देव की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की विधि निम्नवत् करनी चाहिए। ॐ ब्रह्मयज्ञानेत्यादिमन्त्राणां, गौतमाद्या ऋषयः, त्रिष्टुबादीनि छन्दांसि, ब्रह्मादयो देवताः सर्वतोभद्रमण्डलस्थदेवताऽऽवाहने पूजने…

देव पूजा विधि Part-13 महाकाली, लेखनी, दीपावली पूजन

महाकाली-पूजन दवात में मौली बाँध, तथा स्वस्तिक बनाकर नीचे लिखा ध्यान करें।                         ॐ मसि त्वं लेखनीयुक्ता चित्रागुप्ताशयस्थिता।                         सदक्षराणां पत्रो च लेख्यं कुरु सदा मम।।                         या मया प्रकृतिः शक्तिýण्डमुण्डविमर्दिनी।                         सा पूज्या सर्वदेवैý ह्यस्माकं वरदा भव।। ॐ श्री…