“अंदाज़ा ना लगाए”

कभी कभी हम बिना कुछ जाने या तो अंदाज़ा लगा बैठते है या फिर अपने assumption के आधार पर बिना सच्चाई को जाने निर्णय लेते हैऔर जब चोट खाते है तो life की learning मिलती है ।

एक बार किसी बड़ी company के ceo ने बड़े पद के लिए   किसी का interview लेना चाहा, लेकिन उससे पहले उसको नीचे के अधिकारियों को इंटरव्यू पास करना था । उसने सारा process follow किया और अंत मे वह कंपनी के सीईओ के पास जा पहुंचा । दोनों डिनर के लिए गएऔर सूप order किया गया ।

अब जो घटना घटित होने वाली थी उसी मे learning छिपी हुई है । सूप के साथ एक पुड़िया मिलती है,इसको स्वादानुसार सूप में डाला जा सकता है, लेकिन उस महानुभवी ने बिना सूप को टेस्ट किये वो पुड़िया सूप मे डाल दी और मजे के साथ सूप पिया ।

अंत मे उनकी चर्चा खत्म हुई और वो चला गया इसके बाद company के शीर्ष अधिकारी ceo के पास आये और पूछा कि, जो हमने काबिल आदमी को भेजा था वो आपको कैसा लगा ?आपने इसको बुलावा पत्र दिया या नही?

Ceo ने कहा कि नही सर, अधिकारी चोंक गए कि ऐसा क्या हुआ सीईओ ने कहा, जब हम सूप पी रहे थे तो उसने वो नमक बिना taste किये कैसे डाला? Taste करके डालता तो बात समझ आती लेकिन वो तो बिना देखे decision ले गया । ऐसे आदमी को मैं कंपनी का head कैसे बना सकता हूं, ये तो बिना कुछ जाने निर्णय लेता है । दोस्तों आपको बात का मर्म समझ आ गया होगा । हम भी तो जीवन मे अक्सर यही गलती करते है ।